महाराष्ट्र की इस मंडी में 8300 रुपये क्विंटल हुआ कॉटन का दाम, क्या कह रहे हैं किसान

महाराष्ट्र एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार परभणी मंडी में मीडियम स्टेपल कपास का अधिकतम दाम 13 मार्च को 8300 रुपये प्रति क्विंटल रहा. जबकि औसत दाम 8040 रुपये रहा. लेकिन किसानों का कहना है कि उन्हें ज्यादा फायदा नहीं हो रहा है क्योंकि अब उनके पास ज्यादा उपज नहीं बची है. -


March 13, 2024 महाराष्ट्र में अब कॉटन का दाम बढ़ने लगा है. यहां की अकोला मंडी में अब कॉटन आठ हजार रुपये प्रति क्विंटल होने वाला है. अब आवक कम हो गई है पिछले दो साल के अनुभवों को देखते हुए ज्यादातर किसानों ने शुरुआत में ही 6000 रुपये के भाव पर ही अपना कॉटन बेच दिया. अकोला मंडी में 13 मार्च को सिर्फ 88 क्विंटल कॉटन की आवक हुई. यहां न्यूनतम दाम 7600, अधिकतम 7989 और औसत दाम 7794 रुपये प्रति क्विंटल रहा. जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ज्यादा है. परभणी में इसका दाम 8000 रुपये प्रति क्विंटल के पार चला गया है.

महाराष्ट्र एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार परभणी मंडी में मीडियम स्टेपल कपास का अधिकतम दाम 13 मार्च को 8300 रुपये प्रति क्विंटल रहा. जबकि औसत दाम 8040 रुपये रहा. लेकिम किसानों का कहना है कि उन्हें ज्यादा फायदा नहीं हो रहा है क्योंकि अब उनके पास ज्यादा उपज नहीं बची है. इस साल उत्पादन कम है इसलिए दाम में तेजी रहने का अनुमान है. इसका असर अब मंडी भाव पर दिखने लगा है.

इस साल कम है कॉटन का उत्पादन
केंद्र सरकार के अनुसार वर्ष 2023-24 में कॉटन का उत्पादन 323.11 लाख गांठ है जो पिछले साल से कम है. पिछले वर्ष 2022-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक कॉटन का उत्पादन 343.47 लाख गांठ था. एक गांठ 170 किलोग्राम की होती है. कॉटन के उत्पादन में कमी का अनुमान आने के बाद दाम में थोड़ा सुधार दिख रहा है.

कितना है एमएसपी
केंद्र सरकार ने लंबे रेशे वाले कॉटन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 7020 रुपये जबकि मध्यम रेशे वाले की एमएमपी 6620 रुपये क्विंटल तय की हुई है. लेकिन कुछ दिनों से दाम कम मिल रहा था. जब यह पता चला कि इस साल उत्पादन कम हो गया है तब दाम बढ़ना शुरू हुआ. महाराष्ट्र देश का प्रमुख कॉटन उत्पादक प्रदेश है, इसलिए यहां के किसानों को इसका दाम बढ़ने का बेसब्री से इंतजार था.

किसान ने क्या कहा ?
जलगांव जिले के रहने वाले किसान भूषण पाटिल बताते है कि इस साल कपास किसानों के लिए अच्छा नहीं रहा अभी कपास की कीमतों में थोड़ी बढ़ोतरी देखी जा रही हैं लेकिन इसका फायदा सभी किसानों को नहीं हो रहा हैं. क्योंकि पहले ही ज्यादातर किसानों ने कम भाव में अपना कॉटन बेच दिया है. पिछले साल किसानों ने अच्छे दाम के उम्मीद में कपास को स्टोरेज करके लम्हे समय तक रखा था लेकिन दाम बढ़े नहीं इसलिए इस किसान मजबूरी में कम कीमतों में बेच दिया है.


Share to ....: 868    


Most viewed


Short Message Board

Weather Forecast India

Visiter's Status

Visiter No. 34793813

Saying...........
Teamwork is essential. It allows you to blame someone else.





Cotton Group