Cotton: कपास किसानों के लिए खुशखबरी, आने वाले दिनों में भाव में दिखेगी तेजी
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी कि CAI ने उम्मीद जताई है कि इस सीजन में भारत से 26 लाख बेल का निर्यात हो सकता है. यहां एक बेल में 170 किलो कपास होता है. पिछले सीजन से यह 67 फीसद से अधिक का उछाल है. पिछले सीजन में देश से मात्र 15.5 लाख बेल्स कपास का ही निर्यात हुआ था. -
June 20, 2024 देश के कपास किसानों के लिए खुशखबरी है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश से कपास का निर्यात इस साल बढ़ सकता है. बढ़ोतरी भी दो तिहाई के आसपास तक होने की उम्मीद जताई गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि बांग्लादेश से कपास की तगड़ी मांग देखी जा रही है. बीच में इसमें कुछ गिरावट आई थी, लेकिन इस साल अचानक इसमें तेजी दर्ज की गई है. बांग्लादेश की मिलों से अभी भारत के कपास की भारी मांग देखी जा रही है. इससे निर्यात में तेजी आएगी और किसानों को अच्छा-खासा फायदा होगा.
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी कि CAI ने उम्मीद जताई है कि इस सीजन में भारत से 26 लाख बेल का निर्यात हो सकता है. यहां एक बेल में 170 किलो कपास होता है. पिछले सीजन से यह 67 फीसद से अधिक का उछाल है. पिछले सीजन में देश से मात्र 15.5 लाख बेल्स कपास का ही निर्यात हुआ था.
बांग्लादेश से बढ़ी मांग
बांग्लादेश की मिलों की हालत अभी खराब है. सस्ता कपास नहीं मिलने से काम लगभग ठप चल रहा है. लेकिन अब इसमें तेजी आने की संभावना जताई जा रही है. रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि अमेरिका और ब्राजील से बांग्लादेश को कपास की खेप कम मिल रही है. ऐसे में भारत के कपास की मांग वहां अचानक बढ़ गई है. अभी हर हफ्ते बांग्लादेश को 1-1.5 लाख बेल्स कपास का निर्यात किया जा रहा है.
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निर्यात में इस बढ़ोतरी का फायदा मध्य भारत के किसानों को अधिक होता दिख रहा है. दरअसल, मध्य भारत के किसानों ने अच्छे भाव की उम्मीद में अपने स्टॉक को रोक कर रखा था. अब किसान कपास को तेजी से निकाल रहे हैं क्योंकि उन्हें अच्छी कीमतें मिल रही हैं. एक्सपर्ट बताते हैं कि अभी कपास के निर्यात में इसलिए भी तेजी देखी जा रही है क्योंकि किसान अपनी पुरानी खेप को निकाल रहे हैं. पिछले साल में किसानों ने स्टॉक को रोक लिया था, इसलिए निर्यात में गिरावट दर्ज की गई थी. अब स्टॉक लगातार निकल रहा है, इसिलए निर्यात में उछाल है.
खेती का बढ़ा रकबा
अगर बात करें कपास की खेती की तो इस बार रकबा बढ़त में दर्ज किया जा रहा है. दक्षिण भारत में मसाले का कम दाम मिलने से किसान निराश हैं. मिर्च किसान भी परेशानी झेल रहे हैं. इसलिए किसानों ने इस बार कपास की ओर रुख किया है क्योंकि उन्हें अच्छे दाम की उम्मीद है. इसके विपरीत उत्तर भारत में कपास के रकबे में गिरावट की स्थिति है क्योंकि किसान फसल पर कीटों के हमले से परेशान हैं. किसानों को फसल पर अधिक खर्च आ रहा है, इसलिए वे दूसरी फसलों पर फोकस कर रहे हैं.
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